राजस्थान में मनरेगा को बड़ी राहत: राज्य सरकार ने जारी किए 1000 करोड़, केंद्र से भी मिला 4384 करोड़

जयपुर: राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले श्रमिकों और मेट (Mate) के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम कर रहे मजदूरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए 1000 करोड़ रुपये का नया बजट जारी कर दिया है।

इससे पहले राज्य सरकार ने 256 करोड़ रुपये रिलीज किए थे। यानी अब तक इस वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार की ओर से कुल 1256 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। इसमें से 300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मेट और कारीगरों के भुगतान के लिए रखी गई है।

क्यों जरूरी था बजट रिलीज करना?

मनरेगा कार्य गांव की ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराए जाते हैं और सरपंच इनकी निगरानी करते हैं। लंबे समय से पंचायत प्रतिनिधि और श्रमिक भुगतान में देरी की शिकायत कर रहे थे। सरपंच संघ ने पिछले डेढ़ साल से लगातार बजट रिलीज करने की मांग सरकार के सामने रखी थी।

सोमवार को जब 1000 करोड़ रुपये का फंड जारी हुआ तो सरपंच संघ के पदाधिकारी जयपुर पहुंचे और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद दिया।
संघ के मुख्य प्रवक्ता रफीक पठान ने कहा – “हमारी लगातार मांग थी कि भुगतान समय पर हो, ताकि मजदूरों और मेट को दिक्कत न आए। आखिरकार सरकार ने हमारी बड़ी मांग मान ली और एक साथ 1000 करोड़ रुपये रिलीज करना राहत की बात है।”

केंद्र सरकार से भी मिला हजारों करोड़ का फंड

राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार भी मनरेगा के लिए राजस्थान को भारी-भरकम फंड दे रही है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से इस वित्तीय वर्ष में अब तक 4384 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।

इस राशि का ब्योरा कुछ इस तरह है:

  • 3,286 करोड़ रुपये मजदूरी मद में
  • 944 करोड़ रुपये मटेरियल कॉम्पोनेंट में
  • 154 करोड़ रुपये प्रशासनिक मद में

यानी केंद्र ने मजदूरों के वेतन से लेकर निर्माण सामग्री और प्रशासनिक खर्च तक के लिए अलग-अलग मद में राशि भेजी है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हाल ही में दिल्ली दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस दौरान मंत्री चौहान ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने राजस्थान के लिए मनरेगा मद में कुल 4384 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए हैं।

सीएम भजनलाल शर्मा ने इसके लिए केंद्र सरकार और मंत्री चौहान का धन्यवाद भी किया।

मजदूरों को मिलेगा समय पर मानदेय

राज्य और केंद्र – दोनों स्तर से जारी हुई यह बड़ी राशि सीधे तौर पर राजस्थान के लाखों मनरेगा श्रमिकों और रोजगार सहायकों के लिए राहत बनकर आई है।
अब मजदूरों को काम करने के बाद लंबे समय तक भुगतान का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

ग्राम पंचायतों में चल रहे छोटे-बड़े निर्माण कार्यों को भी गति मिलेगी क्योंकि मटेरियल कॉम्पोनेंट में अच्छी-खासी राशि आई है।

सरपंचों की भूमिका भी अहम

गौरतलब है कि मनरेगा में गांव-गांव का काम सरपंचों के जरिए होता है। लंबे समय से पंचायतें बजट की कमी से परेशान थीं। कई बार काम तो शुरू हो जाता था लेकिन फंड की कमी से मजदूरों को भुगतान में देरी होती थी।

इस बार सरकार ने बड़े पैमाने पर राशि जारी कर सरपंचों को भी राहत दी है। यही वजह है कि सरपंच संघ ने भी सरकार को धन्यवाद पत्र सौंपा है।

क्या है मनरेगा योजना?

मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, ग्रामीण भारत के गरीब और बेरोजगार परिवारों को कम से कम 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी देता है। मजदूरों को गांव में ही काम दिया जाता है ताकि उन्हें रोजगार की तलाश में पलायन न करना पड़े।

राजस्थान जैसे बड़े राज्य में मनरेगा लाखों परिवारों के लिए जीवनरेखा साबित हुआ है।

राज्य सरकार के 1000 करोड़ और केंद्र सरकार के 4384 करोड़ की इस संयुक्त फंडिंग से इस साल मनरेगा के तहत चल रहे कामकाज में तेजी आएगी। सबसे बड़ी राहत यह है कि अब मजदूरों और मेट को समय पर उनकी मेहनत की कमाई मिल सकेगी।

👉 ग्रामीणों की उम्मीद है कि आने वाले समय में सरकारें इसी तरह समय-समय पर बजट रिलीज करती रहेंगी ताकि किसी भी मजदूर को अपने हक की रकम पाने के लिए महीनों इंतजार न करना पड़े।

Leave a Comment